Friday, October 13, 2017

kabhi kabhi bhagavan ko bhi baktho se kaam pade.

Lyrics:कभी कभी भगवान
कभी कभी भगवान को भी
भक्तों से काम पड़े
जाना था गंगा पार,
प्रभु केवट की नाव चढ़े
अवध छोड़ प्रभु वन को धाये
सिया राम लखन गंगा तट आये,
सिया राम लखन गंगा तट आये,
केवट मन ही मन हर्षाये,
घर बैठे प्रभु दर्शन पाए
हाथ जोड़ कर प्रभु के आगे
केवट मगन खड़े
जाना था गंगा पार,
प्रभु केवट की नाव चढ़े
कभी कभी भगवान को भी
भक्तों से काम पड़े
जाना था गंगा पार,
प्रभु केवट की नाव चढ़े
प्रभु बोले तुम नाव चलाओ
अरे पार हमे केवट पहुँचाओ
अरे पार हमे केवट पहुँचाओ
केवट बोला, सुनो हमारी
चरण धुल की माया भारी
मैं गरीब नैया मेरी नारी ना होए पड़े
जाना था गंगा पार,
प्रभु केवट की नाव चढ़े
कभी कभी भगवान को भी
भक्तों से काम पड़े
जाना था गंगा पार,
प्रभु केवट की नाव चढ़े
चली नाव गंगा की धारा
सिया राम लखन को पार उतारा,
सिया राम लखन को पार उतारा,
प्रभु देने लगे नाव उतराई
केवट कहे नहीं रघुराई
पार किया मैंने तुमको,
अब तू मोहे पार करे
जाना था गंगा पार,
प्रभु केवट की नाव चढ़े
कभी कभी भगवान को भी
भक्तों से काम पड़े
जाना था गंगा पार,
प्रभु केवट की नाव चढ़े
केवट दोड़ के जल भर लाया
चरण धोएं चरणामृत पाया – 2
वेद ग्रन्थ जिन के गुण गाये
केवट उनको नाव चढ़ाए
बरसे फूल गगन से ऐसे
भक्त के भाग्य जगे
जाना था गंगा पार,
प्रभु केवट की नाव चढ़े
कभी कभी भगवान को भी
भक्तों से काम पड़े
जाना था गंगा पार,
प्रभु केवट की नाव चढ़े
जाना था गंगा पार,
प्रभु केवट की नाव चढ़े

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