हरी का नाम लेलो सहारा मिलेगा
गुरु का नाम लेलो सहारा मिलेगाआंबे का नाम लेलो इशारा मिलेगा
हरी का नाम लेलो सहारा मिलेगा
मस्त दीवानी मीरा नाची प्रेम मगन हो वन में,
श्याम सलोना रूप बिठाए रखती अपने मन में
नाच नाच के मस्त हुई फिर प्रेम मगन हो बोली
हरी का नाम लेलो सहारा मिलेगा
इक दिन एक दीवाना योगी गंगा तट पर आया
ध्यान लगा कर मस्त वैरागी बेठा धुनी रमाया
दुखिया प्राणी जुटे याहा पर योगी उनसे बोला
हरी का नाम लेलो सहारा मिलेगा
भगत प्रभु चेतान्ये प्रेम से हरी गुण गाते जाते थे
दुश्मन उनके पीठ पे कोड़े बरसाते जाते थे
हर कोड़े पर प्रेम मगन हो ये भी गाते जाते थे
हरी का नाम लेलो सहारा मिलेगा
सच कहता हो मइया तक़दीर बदल जाये,
मन बड़ा चंचल हे,
जितना इसे समझाओ,
उतना ही मचलता हे,
माँ गुड़ न कोई मुझमे,
सब गुड़ बिसरा जाना सहगल को,
माँ अपना लो जीवन ये सवर जाये,
मैया तेरी चरणों की गर धूल जो मिल लाये,
मैया मेरे जीवन की बस इतनी तमना हे,
तुम सामने हो मेरे मेरा दम जो निकल जाये,
माँ मेरी इस नैया की एक तुम ही खवइया हो,
हो जाये अगर कृपा तब पर ये लग जाये,
ये महफ़िल है मस्तानो की हर शख्श याहा पर मतवाला,
भर भर के जाम इबातात के,
याहा सब को पिलाए जाते है,
दरबार में सचे सतगुरु के दुख दर्द मिटाए जाते है,
इल्ज्म लगने वालो ने इल्जाम लगाये लाख मगर,
तेरी सोगात समज कर के हम सिर पे उठाये जाता है,
दरबार में सचे सतगुरु के दुख दर्द मिटाए जाते है,
जिन बन्दों आर एह जग बालो हो ख़ास इनायत सतगुरु की,
उनको ही संदेसा आता है और वे ही बुलाये जाते है
दरबार में सचे सतगुरु के दुख दर्द मिटाए जाते है,
Teri Bandagi Se Pahle
Mai Tujhko Dundhta Tha
Teri Bandagi Se Pahle
Ek Tu Jo Meharbaa Hai
Saara Jag Bhi Meharbaa
Ek Tu Jo Meharbaa Hai
Saara Jag Bhi Meharbaa Hai
Mujh Per Kaun Meharbaa Tha
Teri Bandagi Se Pahle
Mujhe Kaun Puchhta Tha
Teri Bandagi Se Pahle
Meri Jindagi Thi Aisi
Jaise Khaali Seep Hoti
Meri Jindagi Thi Aisi
Jaise Khaali Seep Hoti
Meri Badgayi Hai Keemat
Tune Bhar Diye Hai Moti
Meri Badgayi Hai Keemat
Tune Bhar Diye Hai Moti
Mai Darr Darr Bhatak Raha Tha
Teri Bandagi Se Pahle
Mai Darr Darr Bhatak Raha Tha
Teri Bandagi Se Pahle
Mujhe Kaun Puchhta Tha
Teri Bandagi Se Pahle
Bolo Sanche Darbar Ki Jai
Jai Shri Ram
टेडो ही मुकुट, बात टेडी कुछ कह ग्यो
टेडे घुँगराले बाल, टेडी गल फूल माल
और टेडे ही हुलाक मेरे चित में बसे गयो
टेडे पग उपर नुपूर झंकार करे
टेडी बाँसुरी बजाए चित चुराए गयो
एसा टेडे टेडीन को ध्यान धरे माया राम
लटपटी पाग सो लपेट मन ले गयो ..."
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
कब से खोजूं बनवारी को,
बनवारी को, गिरिधारी को।
कोई बता दे उसका पता,
मेरो मन है गयो लटा पटा॥
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा....
मोर मुकुट श्यामल तन धारी,
कर मुरली अधरन सजी प्यारी।
कमर में बांदे पीला पटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा॥
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा....
पनिया भरन यमुना तट आई,
बीच में मिल गए कृष्ण कन्हाई।
फोर दियो पानी को घटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा॥
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा....
टेडी नज़रें लट घुंघराली,
मार रही मेरे दिल पे कटारी।
और श्याम वरन जैसे कारी घटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा॥
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा....
मिलते हैं उसे बांके बिहारी,
बांके बिहारी, सनेह बिहारी।
राधे राधे जिस ने रटा,
बांके बिहारी की देख छटा,
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा ।
ज़री की पगड़ी बाँधे...
कानों में कुण्डल साजे, सिर मोर मुकुट विराजे,
सखियाँ पगली होती, जब - जब होठों पे बंशी बाजे ।
हैं चंदा यह सांवरा, तारे हैं ग्वाल बाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा ॥
लट घुँघरे बाल, तेरे कारे कारे बाल,
सुन्दर श्याम सलोना तेरी टेडी मेडी चाल ।
हवा में सर - सर करता तेरा पीताम्बर मतवाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा ॥
मुख पे माखन मलता, तू बल घुटने के चलता,
देख यशोदा भाग्य को देवों का मन जलता ।
माथे पे तिलक सोहे आँखों में काज़ल डारा,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा ॥
तू जब बंशी बजाए तब मोर भी नाच दिखाए,
यमुना में लहरें उठती और कोयल भी कू - कू गाए ।
हाथ में कँगन पहने और गल वैजयंती माला,
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
मेरे नयनो के तारे हैं
सारे जग के रखवारे हैं
मेरे तो प्राण अधारे हैं
सब भगतन के रखवारे हैं
जो लाखो पापीओं को तारे हैं
जो अघमन को उधारे हैं
हम इनके सदा सहारे हैं
हम उनकी शरण पधारे हैं
गणिका और गीध उधारे हैं
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