what if things went like first bhakti then gyanam then karmam things would get easier.
eg. if there was a great carving of narayana and one developed bhakti towards that idol and then collected all the knowledge possible for knowing Narayana and then willingly undertook karyam to satisfy his bhakti through the help of knowledge.
Rivers that Flow Backwards
सामान्य ज्ञान की किताब में शायद तुम पढ़ भी चुके होगे कि भारत की ज्यादातर नदियां एक ही दिशा में बहती हैं और वह दिशा है पश्चिम से पूर्व। सारी नदियों का बहाव पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर ही है। पर क्या तुम्हें पता है कि हमारे देश में एक नदी ऐसी भी है, जो पश्चिम से पूर्व न बह कर, पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर बहती है। विपरीत दिशा में बहने वाली उस नदी का नाम है नर्मदा। इस नदी का एक अन्य नाम रेवा भी है।
गंगा सहित अन्य नदियां जहां पश्चिम से पूर्व की ओर बहते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं, वहीं नर्मदा नदी बंगाल की खाड़ी की बजाय अरब सागर में जाकर मिलती है। नर्मदा नदी भारत के मध्य भाग में पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली मध्य प्रदेश और गुजरात की एक मुख्य नदी है, जो मैखल पर्वत के अमरकंटक शिखर से निकलती है। इस नदी के उल्टा बहने का भौगोलिक कारण इसका रिफ्ट वैली में होना है, जिसकी ढाल विपरीत दिशा में होती है। इसलिए इस नदी का बहाव पूर्व से पश्चिम की ओर है। सारी नदियों के विपरीत नर्मदा नदी के उल्टा बहने के पीछे पुराणों में कई कहानियां भी बताई गई हैं।
नर्मदा नदी से जुड़ी एक कहानी के मतानुसार, नर्मदा नदी का विवाह सोनभद्र नद से तय हुआ था, लेकिन नर्मदा की सहेली जोहिला के कारण दोनों के बीच दूरियां आ गईं। इससे क्रोधित होकर नर्मदा ने आजीवन कुंवारी रहने और विपरीत दिशा में बहने का निर्णय लिया। अगर भौगोलिक स्थिति को भी देखें तो पता चलता है कि नर्मदा नदी एक विशेष स्थल पर सोनभद्र नदी से अलग होती है।
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