राधा, रासेश्वरी, रम्या, कृष्णमन्त्राधिदेवता,
सर्वाद्या, सर्ववन्द्या, वृन्दावनविहारिणी,
वृन्दाराध्या, रमा, अशेषगोपीमण्डलपूजिता,
सत्या, सत्यपरा, सत्यभामा, श्रीकृष्णवल्लभा,
वृषभानुसुता, मूल प्रकृति, ईश्वरी, गन्धर्वा,
राधिका, आरम्या, रुक्मिणि, परमेश्वरी,
परात्परतरा, पूर्णा, पूर्णचन्द्रनिभानना, भुक्तिमुक्तिप्रदा भवव्याधिविनाशिनी।
श्रीराधा जी को इन नामों से भजने वाले मनुष्य जीवन्मुक्त हो जाते हैं, वायु से भी पवित्र एवं वायु को पवित्र करने वाले तथा सब ओर पवित्र एवं सबको पवित्र करने वाले हो जाते हैं। वे राधा-कृष्ण के प्रिय हो जाते हैं। जहाँ-जहाँ उनकी दृष्टि पड़ती है, वहाँ तक वे सबको पवित्र कर देते हैं
राधे अलबेली सरकार की जय
राधे प्रभात वंदन जी
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